कुछ समय बाद
हम झाँक नहीं पाते
बच्चों की दुनिया में
जीवन में किसी के
झाँकना / अच्छी बात नहीं है
पर अपने जीवन में
झाँकने के तो
बहुत से उपदेश हैं
हमारे बच्चे होते हैं
हमारी आत्मा के अंश
हमारे बच्चे ही तो होते हैं
हमारा जीवन
अपने जीवन में झाँक
पाना / बड़ी बात है
बित्ते भर के बच्चे
देखते ही देखते
सर से ऊपर हो जाते हैं
रोशनदान हो जाती हैं
खिड़क़ियाँ
बौने होते जाते हैं
खिड़कियों के पल्ले पकड़े खड़े
बुढ़ाते माँ बाप
No comments:
Post a Comment