Monday, February 25, 2008

हाथों में हाथ 51

प्यार तो है / चाँद

जल / नदी का

या तो रहता है घटता

या फिर बढ़ता रहता है



प्यार तो है / बसंत जीवन का

गान सूरज का

डोलता मन / तरंगों की तरह

या तो रहता है आसपास

या फिर कहीं नहीं रहता



प्यार तो है / बेसुध होने की कथा

अँधेरा इतना घना

हाहाकार मावस का

उजाला इतना घटाटोप

हाथ को न सूझे हाथ

मन ही मन / फिर भी

हाथों में हाथ बना रहता है

No comments:

फ्री डाउनलोड