Monday, February 25, 2008

उपलब्धि 46

मेरे जीवन-पंक में

`सरोज` हो तुम



पास होने पर पास नहीं

दूर होने पर / कभी नहीं दूर

स्मृतियों के आल्बम में

सजे चित्र तुम्हारे

तुमसे ज्यादा / बतियाते हैं मुझसे

नदी सी निरन्तर हो तुम साथ मेरे

आस में इसी जीवन की

अबूझ प्यास हो तुम



रातरानी की गंध सी मादक

हरी-भरी / मनी-प्लांट सी

सजीं नहीं तुम

मेरे जीवन-कक्ष में

महक हो तुम फूलों की

देवों के आगे जलती

धुम्र-दंडिकाओं की

स्थायी सुवास हो तुम

No comments:

फ्री डाउनलोड