काश मैं रो सकता
जैसा एक बार पहले रोया था
जब बस रो ही सकता था
मेरे आँसू बह-बह कर
सोचते हैं बार-बार
मैं उस वक्त नहीं था
तुम्हारे पास
एक रात्रि जागरण करने
तुम्हारे सिरहाने
तुम्हारे मातृत्व से दमकते
चेहरे को / प्यार से निहारने
तुम्हें हल्के से
बाहुपाश में बाँधने
तुम्हारे सिर को
अपनी गोद में सुलाने
या फिर तुम्हारा माथा सहलाने
ताकि बता सकूँ / जता सकूँ
हालॉकि प्रेम है एक बकवास
पर मैं और तुम
ऐसा नहीं करेंगे कभी महसूस
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