Monday, February 25, 2008

तुम ही तुम 14

तुम्हे, कभी नहीं

कह पाया तुम



जीवन में मेरे

सपनों सा तैरे

साथ तुम्हारा

कभी किनारा दिखा नहीं

रेखाओं में / सब कुछ गुम



साथ मेरे

कुछ यादें / कुछ सैरें

ख्याल तुम्हारा

कभी अकेला हुआ नहीं

हवाओं में / तुम ही तुम

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