दिल होता है
चेहरा
कभी झूठ नहीं बोलता
मेरा-तुम्हारा
जो महसूसता है दिल
तुरत चेहरा
करने लगता है बयान
जानो हाथों में
उठा रक्खी हो
शपथपूर्वक गीता
दिल खोया रहता है
ख्यालों में
कभी चुप नहीं होता
मेरा-तुम्हारा
जो अनुभूत करता है दिल
लहर सा
लहरा जाता है
चट्टानी चेहरे पर
स्थायी प्रवास कर चुके
उतार-चढ़ाव
जम जाते हैं झुर्रियाँ बन
दिल रहता है
धड़कता
एक-दूसरे के लिये
मेरा-तुम्हारा
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