समा जाओ
मेरी पलकों में
तैरो, और ठहर जाओ
आँसुओं की तरह
तुम्हें देखूँ
और न पाऊँ कुछ देख
और न देख पाये
तुम्हें दुनिया
मुस्कुराओ
मेरे ख्यालों में
हो लम्बा सफर
न हों / कोई बातें
देहों से निकल कर
दिल कहीं घूम आयें
कौन दे उत्तर
तुम, और ज़माना
मशगूल हैं सवालों में
करीब आओ
मेरी रूह में
जज्ब़ हो जाओ
देह देती है दगा
अविनाशी है आत्मा
तुम्हें नहीं खोऊ
मेरी शक्ल हो जाओ
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