तुमसे तो अच्छा है तुम्हारा ख्याल
आता है तो जाता नहीं जल्दी
ज़िन्दगी कट रही / कुछ बुरी नहीं विशेष
रौशनी है हर तरफ / कुछ दिखता नहीं विशेष
खुली हैं ज़ेहन की खिड़कियाँ सारी
फिर भी घुटता सा लगता है दम
दर्द दिल में बस चुका मेहमान है
कुछ शिकवा नहीं विशेष
वायदे सुनते नहीं कुछ
इसीलिये आवाज़ नहीं दी
वक्त के पलटते जा रहे पन्ने दर पन्ने
सुबह और शाम आते पास मेरे / लेकर खाली हाथ
फिर भी चमकती हैं आँखें / याद कर आँखें तुम्हारी
हर आहट पर कान चौकन्ने
कभी नहीं मुरझाता आशा का फूल
इंतज़ार की उम्र होती बहुत लम्बी
इसीलिये इसे कभी दुआ नहीं दी
Monday, February 25, 2008
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