Monday, February 25, 2008

बाकी बचा हुआ समय 30

दर्पण सामने था

क़मीज के बटन लगाते समय

दिखा मुझे

एक लाल सा धब्बा

वैसा ही दमक रहा था वह

दमकती है जैसे बिन्दी तुम्हारे भाल की

या सूरज सुबह का



चौंका मैं

लगा सोचने

कब आईं थीं तुम

इतने पास मेरे

कब टाँक दिया था

मेरे क़मीज के आकाश पर

एक लाल तारा



स्मृतियों के ताज़े पन्नों पर

ऐसे दृश्य नहीं झलके

कोशिश की

प्रयत्नों के सूरज से

हटाने की उस लाल तारे को

क़मीज के आकाश से

नहीं हटा सका मैं



उधर नाश्ते की मेज़ पर

ठण्डा हो रहा था

ताबड़तोड़ जल्दी में

तुम्हारी चिन्ता से सिका-पका

मेरा थोड़ा सा खाना

कुछ ठीक ही खाकर छोड़ूँ घोंसला तुम्हारा

यह चिन्ता रहती है तुम्हें सदैव



उधर आसमान पर

तेजी से भाग रहा था सूरज

मेरे काम की शुरूआत

जल्दी नहीं हो पाती

चल सकूँ साथ सूरज के

यह भी चिन्ता रहती है तुम्हें सदैव



तुम सदा की तरह



निगाहों से आवाज़ देतीं

खोज रहीं थीं मुझे

अपने छोटे से घोंसले में



मुझे दर्पण के सामने ठिठका देख

तुम कुछ सकुचाईं

कहा तुमने

जल्दबाजी में बटन टाँकते समय

अँगुली में चुभ गई थी सुई

मेरे खून की एक बूँद ने

खराब कर दी तुम्हारी क़मीज

और तुम्हारा समय भी





कहा मैंने

समय खराब कहाँ हुआ

सज गया मेरा समय

तुम्हारे खून की एक बूँद ने

सँवार दिया

मेरे जीवन का

बाकी बचा हुआ समय भी

No comments:

फ्री डाउनलोड